प्रेम जाल
अगली सुबह वही प्रतिदिन की प्रक्रिया से प्रारंभ हुई। समय ऐसे बीतने लगा।
फोन की बेल बजती है ट्रेन ट्रेन ट्रेन ट्रेन नम्रता- हैलो प्रगति-कैसी है यार?तू तो भूल ही जाती है। लास्ट टाइम भी मैं ही फोन किया था। तुझे तो फोन करने की याद ही नहीं रहती?
नम्रता-बस यार ऐसे ही घर परिवार में कुछ ना कुछ लगा ही रहता है। फिर स्कूल की समस्याएं अलग है। तेरे तो मजे हैं आराम से अलग रहती है। और कभी-कभी मम्मी पापा से मिलने आ जाती है।
प्रगति-मेरे से जल मत। समझ आया जल कुकड़ी हा हा हा हा दोनों तरफ से हंसने की आवाज आती है।चल आ जा दिल्ली बहुत दिन हो गए। और बता तेरे आशिक का क्या हाल है?
नम्रता-बकवास मत कर, वही मेरे पीछे पड़ा हुआ है। मैं कौन सा उससे ज्यादा बात करना चाहती हूं, वही रोज खुद ही फोन कर देता है।
प्रगति-अरे तू चढ़ती क्यों है?छोटी-छोटी बात पर चिढ़ जाती है।और बता प्रोग्राम बना रही है??
नम्रता- चल आती हूँ यार
प्रगति- अच्छा सुन अपने दीपक को भी साथ ले आ। थोड़ा पता लगाऊँ कैसा बंदा है।
नम्रता-हैलो मैडम मेरी माँ मत बनो।
प्रगति- अच्छा ठीक है मिलवा तो दे।
नम्रता- चल ठीक है आती हूँ।
दोनों एक दूसरे को बाय कह कर फोन रख देती है।
नम्रता भी अपने कामों में बिजी हो जाती है। स्कूल में भी दाखिले के कारण बहुत भीड़-भाड रहती थी।
शेरी के पेपर चल रहें थे। वह उसमें बिजी थी। माया जी घर कामों में लगी रहती,पापा अपने में।
दीपक-हैलो आरए वाह जी आज तो मैडम साहिबा ने फोन किया है कह कर वह हंसने लगता है।
नम्रता-अच्छा अब मजाक बंद करो इस शनिवार की मेरी छुट्टी है।तो मैं दिल्ली प्रगति के पास जाऊँगी। प्रगति तुम्हें याद है ना मैंने उसके बारे में बताया हुआ है।
दीपक-हां जी हां जी मुझे याद है आपकी बातें मैं भूल जाऊं ऐसा हो सकता है। जी फरमाइए क्या आदेश है मेरे लिए😀
नम्रता-शनिवार को दिल्ली चलते हैं फिर वहां मूवी देख लेंगे। तुमको प्रगति से भी मिलवा दूंगी। तुम शाम के टाइम घर वापस चले जाना। मैं प्रगति के पास रुक जाऊंगी।मैं अगले दिन आऊंगी वापस आऊंगी।
दीपक-चलो ठीक है।
यार कुछ तो तुम्हें मेरे पर तरस आया।चलो फिर चलते हैं।मजा आयेगा।
शनिवार का दिन भी आ गया। नम्रता प्रगति का बोल कर दिल्ली निकल जाती है।अभी सुबह के 6 बजे थे।दीपक बस-स्टॉप पर अपनी कार में उसका इंतजार कर रहा था।
थोड़ी ही देर में नम्रता अपने बैग को लटकाये हुए कार में बैठे जाती है।
दोनों एक-दूसरे को हाथों मिलते हैं। थोड़ी हो देर में कार तेजी से चल देती है।एक घंटे कार चलाने के बाद दीपक कार को एक चाय वाले की दुकान पर रोक देता है।थोड़ी ही देर में कार में ही चाय आ जाती है दोनों चाय की चुस्कियां लेने लगते है नम्रता अपना टिफिन खोल देती है वह घर से पोहा बना कर लाई थी।दोनों मज़े लेकर खाने लगते हैं।
क्या दोनों प्रगति के पास जायेगे??वहां क्या होगा? क्या प्रगति दीपक के बारे में जान पाएगी?? जानने के लिए पढ़ते रहें ••••••••••••••••
Milind salve
01-Oct-2023 10:39 AM
Nice one
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Varsha_Upadhyay
30-Sep-2023 08:40 PM
Nice one
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